मंजिल पाने को इस जग में, निज पथ पर खुद बढ़ना होगा। मंजिल पाने को इस जग में, निज पथ पर खुद बढ़ना होगा।
तब तक चलेगी अग्नि परीक्षा मन इतिहास दोहराया जायेगा। तब तक चलेगी अग्नि परीक्षा मन इतिहास दोहराया जायेगा।
नर को नारायण मान सकें कुछ ऐसा कोई काम करो। नर को नारायण मान सकें कुछ ऐसा कोई काम करो।
मैं सृष्टि का आरंभ हूँ, नर संगिनी बन गौरवमयी, मैं एक नारी हूँ। मैं सृष्टि का आरंभ हूँ, नर संगिनी बन गौरवमयी, मैं एक नारी हूँ।
प्रभु कहने से ये डरता हूँ, तुझको अपमानित करता हूँ , इनके भीतर तू हीं रहता, फिर जोर तेरा क्य... प्रभु कहने से ये डरता हूँ, तुझको अपमानित करता हूँ , इनके भीतर तू हीं रहता,...
लड़के से लड़की के परिधान हैं... लड़के से लड़की के परिधान हैं...